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Showing posts from November, 2021

क्यों भारत में सेवा करने वाले ब्रिटिश अधिकारियों को इंग्लैंड लौटने पर सार्वजनिक पद/जिम्मेदारी नहीं दी जाती थी?

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 गुलामी का आलम आज भी वही है कुछ नही बदला!  गुलामी का आलम आज भी वही है कुछ नही बदला! भारत में सेवा करने वाले ब्रिटिश अधिकारियों को इंग्लैंड लौटने पर सार्वजनिक पद/जिम्मेदारी नहीं दी जाती थी। तर्क यह था कि उन्होंने एक गुलाम राष्ट्र पर शासन किया है जिसकी वजह से उनके दृष्टिकोण और व्यवहार में फर्क आ गया होगा। अगर उनको यहां ऐसी जिम्मेदारी दी जाए, तो वह आजाद ब्रिटिश नागरिकों के साथ भी उसी तरह से ही व्यवहार करेंगे। इस बात को समझने के लिए नीचे दिया गया वाकया जरूर पढ़े - एक ब्रिटिश महिला जिसका पति ब्रिटिश शासन के दौरान पाकिस्तान और भारत में एक सिविल सेवा अधिकारी था। महिला ने अपने जीवन के कई साल भारत के विभिन्न हिस्सों में बिताए, अपनी वापसी पर उन्होंने अपने संस्मरणों पर आधारित एक सुंदर पुस्तक लिखी। महिला ने लिखा कि जब मेरे पति एक जिले के डिप्टी कमिश्नर थे तो मेरा बेटा करीब चार साल का था और मेरी बेटी एक साल की थी। डिप्टी कलेक्टर को मिलने वाली कई एकड़ में बनी एक हवेली में रहते थे। सैकड़ों लोग डीसी के घर और परिवार की सेवा में लगे रहते थे। हर दिन पार्टियां होती थीं, जिले के बड़े जमींदार हमें अपने शिका

लीगल नोटिस मिलते ही यूट्यूब ने गलती मान माफ़ी के साथ चैनल वापस किया।

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  लीगल नोटिस मिलते ही यूट्यूब ने गलती मान कर माफी मांगते हुए  चैनल वापस किया। वैक्सीन माफिया को करारा झटका। इंडियन बार एसोसिएशन और अव्हेकन इंडिया मूवमेंट की एक और जीत। यूट्यूब पर दायर होगा  1000  करोड रुपए के जुर्माने का केस। दुनिया भर के शोधकर्ताओं को राहत।  नई दिल्ली:  वैक्सीन माफिया को फायदा पहुंचाने के लिए यूट्यूब और अन्य सोशल मीडिया द्वारा वैक्सीन के खिलाफ का कोई भी वीडियो या जानकारी मिटाने का और यूट्यूब चैनल डिलीट करने का काम कोरोना महामारी के शुरू से ही चल रहा था । इस वजह से कोरोना वैक्सीन का फ्रॉड और दुष्परिणाम उजागर करने वाले शोधकर्ता ,  सामाजिक कार्यकर्ता ,   डॉक्टर ,   वैज्ञानिकों आदि   के  वीडियो को यूट्यूब और अन्य सोशल मीडिया द्वारा आम आदमी तक पहुंचाने नहीं दिया जा रहा था उसी अन्याय का शिकार बने  राजीव दीक्षित  अभियान से जुड़े सामाजिक कार्यकर्ता ,  वीरेंद्र सिंह ने इस फ्रॉड के खिलाफ लड़ने का निर्णय लिया और उन्होंने  इंडियन बार एसोसिएशन  के राष्ट्रीय अध्यक्ष  अँड.  निलेश ओझा के वकील अँड. अभिषेक मिश्रा के माध्यम से यूट्यूब को कानूनी कारवाई का नोटिस भेजा।   नोटिस में यूट्यूब