मूल से अधिक प्यारा ब्याज होता है!
मूल से अधिक प्यारा ब्याज होता है मूल से अधिक प्यारा ब्याज होता है इस चित्र में खिड़की के बाहर मेरे पिता किसी काम से दिल्ली रुके और हमे छोड़ने स्टेशन पर आये थे या कहूँ की अपने पोता पोती को छोड़ने आए थे। पोते को फल आदि देकर ट्रेन चलने से 10 मिनट पहले डिब्बे से उतर गए परंतु उनका पोता गव्यांश उन्हें देख लेगा तो रोयेगा इसीलिए जब तक ट्रेन नही चली तब तक बाहर छुप कर खड़े रहे। चाहते तो जा सकते से लेकिन गए नही। मन में तो था की उनका पोता एक नज़र देख कर उनकी ओर मुस्करा दे लेकिन पता था की देखते ही रोएगा तो छुपम छुपाई का खेल यूँ चला कि उसे देखना तो है लेकिन दिखना नही है। छुपम छुपाई का खेल जोरो पर था की ट्रेन खिसकने लगी। दादा खिड़की की ओर लपके और लगे हाथ हिलाने। ऐसे में कुछ नया कहने को नही होता बस अपनो की वो झलक भर दिख जाए उसी मे जीवन निहाल हो जाता है। पोता चलती गाड़ी के आनंद में मस्त था और दादा को हाथ हिलाते नही देखा तो उसके आनंद में ही अपना आनंद खोज कर दादा ने गाड़ी के साथ अपनी छोटी सी दौड़ समाप्त की और मन में संतोष किया की च...