भारत में अंग्रेजी राज का बही-खाता / The Balance Sheet of British Rule in India

हाल ही में मैं पहली बार अमृतसर की यात्रा पर गया एवं कई नई जानकारियां वहां के विभाजन संग्रहालय (Partition Museum) से मिली। जिसमे से कुछ मैं यहाँ प्रस्तुत कर रहा हूँ। पाठको की सुविधा के लिए हमने इसका हिंदी में अनुवाद भी कर दिया है कुछ शब्द: अपने जीवन में बहुत से लोगो से मिला जो अंग्रेजी राज को भारत के लिए वरदान मानते है, इसमें उनकी गलती भी नहीं मानता हूँ क्योंकि इसमें दोष उनका नहीं है अपितु उस षंडयंत्र का है जिसकी योजना अंग्रेजी शासन के समय ही बन गयी थी जिसका परिणाम यही होने वाला था की भारत की आने वाली पीढ़ियां अंग्रेज़ो से तो तथाकथित रूप से स्वतंत्र हो जाये परन्तु मानसिक रूप से अंग्रेज़ियत के गुलाम बने रहे। मेरा यह मत है की वह अपनी इस योजना में सफल भी हो गए है। अंग्रेज़ो ने जो भारत के साथ किया वैसा वह हर उस देश के साथ करते थे जिसको वो गुलाम बनाते थे। अपनी धूर्तता को मित्रता का मुखौटा पहना कर उन्होंने भारत के लोगो की अपने अतिथि देवो भवः की भावना को सर्वोपरि मान उनको आदर दिया परन्तु जब तक भारत के लोग उनके धोखे को...