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Showing posts from April, 2022

वर्तमान के मनीषी थे गुरुजी रवींद्र शर्मा जी

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 वर्तमान के मनीषी थे गुरुजी ********** 5 सितंबर 1952 - 29 अप्रैल 2018 अच्छे लोगो को ईश्वर यदि अपने पास बुलाता है तो उन्हें तकलीफ नही होने देता। ठीक ऐसे ही नींद में ही गुरुजी ने प्राण छोड़े। आज जब अदिलाबाद पहुँचा तो उनके मुख पर एक असीम शांति का अनुभव किया। दुनिया को भारत की नज़र से देखते हुए भारत को भारत के नज़रिये से देखने समझने वाले लोग कम ही हैं। उन्ही में धर्मपाल जी, अनुपम मिश्र जी आदि कुछ नाम आदर से लिए जाते हैं।  राजीव भाई को सुनकर जो आधार तैयार हुआ उस पर गुरूजी के ज्ञान के कारण भवन बहुत सुदृढ़ रूप से  खड़ा हो पाया। देश में गाँव की बात करने वाले बहुत लोग है परन्तु उसकी परिभाषा कर सकने वाले वो अकेले व्यक्ति थे जिन्हें धर्मपाल जी देश के सबसे बहादुर व्यक्ति कहा करते थे  मई 2014 में उनसे मेरी पहली भेंट मसूरी में पवन गुप्ता जी के SIDH कैंपस के एक कार्यक्रम में हुई और उसके पश्चात जब भी अवसर मिलता तेलंगाना राज्य के आदिलाबाद स्थित उनके आश्रम पहुच जाता/। उनका सहज स्वाभाव ही था जो मुझे वहां जाने को प्रेरित और आकर्षित करता था इतने ज्ञानी व्यक्ति के द्वारा बिना कारण ही फ़ोन करके कभी भी पूछ लेना क

पेट में मोम (WAX) जमा कैसे करें?

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पेट में मोम (WAX) जमा कैसे करें? यह बहुत आसान है!  Disposable पेपर कप में चाय, पानी दूध आदि आदि प्रतिदिन प्रयोग करके यह आसानी से किया जा सकता है  आइये जानते है कैसे? **************************************************** आखिरकार, आज का युग सफाई पसंद है वो जीवन में हर पहलु में डिस्पोजेबल (Disposable) तकनीक का प्रयोग करता है चाहे वो रिश्ते हो या बर्तन USE and THROW! विशेषकर शादियों में, बड़े बड़े कॉर्पोरेट दफ्तरों में छोटे छोटे ढाबो पर, चाय की दुकान पर, ट्रेन में, बस में और न जाने कहाँ कहाँ सब विदेशियों की तरह डिस्पोजेबल प्रयोग करने लगे है। क्योंकि सब बहुत पढ़े लिखे है कोई गलत काम नहीं करते। बर्तन जूठा भी नहीं करते और यह सोचकर की यह प्लास्टिक का कचरा चन्द्रमा पर चला जायेगा अपनी जीवन शैली में सब कुछ Disposable प्रयोग करने लगे। वैसे लिख तो दिया है की जनहित में जारी लेकिन ऐसे जन का हित करने के मन नहीं है जो जानबूझ कर अपनी आने वाली पीढियों के लिए संस्कारो की नहीं बल्कि दिल्ली जैसे कचरे के पहाड़ और बीमारी से भरे एक समाज की विरासत छोड़ कर जायेगा। कैसे बनता है यह? सामान्यत

क्या आप चाइनीज़ के नाम पर खा रहे है ज़हर? अजीनोमोटो : सफ़ेद जहर / Monosodium Glutamate (MSG) White Poison

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 अजीनोमोटो :सफ़ेद जहर Monosodium  Glutamate (MSG) White Poison ************************ क्या आप चाइनीज़ के नाम पर खा रहे है ज़हर? अगर आप चाइनीज़ डिश के दीवाने हैं तो यह आपको उसमें जरूर मिल जाएगा क्योंकि यह एक मसाले के रूप में उनमें इस्तमाल किया जाता है। सफेद रंग का चमकीला सा दिखने वाला मोनोसोडि़यम ग्लूटामेट यानी अजीनोमोटो, एक सोडियम साल्ट है। शायद ही आपको पता हो कि यह खाने का स्वाद बढ़ाने वाला मसाला वास्तव में जहर यह धीमा खाने का स्वाद नहीं बढ़ाता बल्कि हमारी स्वाद ग्रन्थियों के कार्य को दबा देता है जिससे हमें खाने के बुरे स्वाद का पता नहीं लगता। मूलतः इस का प्रयोग खाद्य की घटिया गुणवत्ता को छिपाने के लिए किया जाता है। यह सेहत के लिए भी बहुत खतरनाक होता है। जान लें कि कैसे? * सिर दर्द, पसीना आना और चक्कर आने जैसी खतरनाक बीमारी आपको अजीनोमोटो से हो सकती है। अगर आप इसके आदि हो चुके हैं और खाने में इसको बहुत प्रयोग करते हैं तो यह आपके दिमाग को भी नुकसान कर सकता है। * इसको खाने से शरीर में पानी की कमी हो सकती है। चेहरे की सूजन और त्वचा में खिंचावमहसूस होना इसके कुछ साइड इफेक्ट हो सकते हैं। *

गर्व का अनुभव

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वर्ष 2015 का एक अनुभव: कल रात किसी विवाह समारोह से रात 3.30 बजे घर पंहुचा तो सुबह 4 तक ही आँख लगी  सुबह 9 बजे घर से 15-20 किलोमीटर दूर दिल्ली के सावन पार्क के सरकारी प्राथमिक विद्यालय में बच्चो को व्याख्यान देने जाना था  अधूरी नींद में सुबह 7  बजे उठा और सोचा की नींद तो बाद में पूरी कर लूँगा लेकिन आज अगर एक बच्चा भी कोल्ड ड्रिंक और जंक फ़ूड आदि से दूर हो गया तो मन को सुकून मिले  वह पहुचकर राजीव भाई द्वारा बताये गए जंक फ़ूड के नुक्सान और आयुर्वेद के नियमो के बारे में जानकारी दी एक घंटा बच्चो को हँसते हसाते बीत गया  अंत में एक ऐसा अनुभव हुआ जो आज तक पहले नहीं हुआ  इस फोटो में दिए बच्चे राहुल साहू ने मेरी बताई हर बात को अपनी कॉपी में लिखा  यह देख मुझे लगा की अपनी नींद अधूरी छोड़कर जिस उद्देश्य से मैं इस प्रकार स्कूल के बच्चो को कुछ अच्छी बात बताने निकल पड़ता हूँ उस उद्देश्य को इस बच्चे ने सार्थक कर दिखाया है  मुझे उम्मीद है की यह और इस जैसे बच्चे आगे इस देश के लिए कुछ कर दिखाये तो राजीव भाई की प्रेरणा से आने वाली पीढ़ी का कुछ भला हो जाये  वीरेंद्र VirenderSingh.in

डर के आगे जीत है फिर मौत है!

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 डर के आगे जीत है फिर मौत है MOUNTAIN DEW मतलब "मौतें दूं " क्या आप माऊंटेन डयु के दिवाने है ??......अगर हां तो जरूर पढे तो क्या आपको पता है कि आप क्या पी रहे है ??  Dew में BVO(brominated vegetable oil) मिलाया जाता है जो Dew की बोतल भी लिखा हुआ है आप देख सकते है, BVO एक जहरीला कैमीकल है जो कि सभी अमेरिकी और युरोप के देशों में प्रतिबन्धित है,  क्योकि इसमें ब्रोमीन (BROMINE) इतना खतरनाक जहर है जो hypothyroidism, autoimmune disease, cancer, skin problem, यादाश्त कम होना, हड्डियों का कमजोर होना, सुनने की शक्ति खोना, नपुसंकता और शारिरिक विकास का रूकना आदि नुकसान पहुंचाता है,  इसमें जो हल्का हरा रंग होता है वो असल में पलास्टिक में मिलाया जाता है जो कि खाने में मिलाना प्रतिबन्धित है पर कोल्ड ड्रिंक बनाने वाली कंपनिया सिर्फ़ पैसो के कारण लोगो के स्वास्थय से खिलवाड कर रही है और FANTA, SPRITE, MIRINDA आदि कोल्डड्रिंकस में इसे मिलाया जा रहा है जिससे लाखों लोग बीमार हो रहे है और करोडो रूपए ईलाज पर फ़ाल्तू लग रहा है अधिक जानकारी हेतु पढे  http://en.wikipedia.org/wiki/Brominated_vegetable

कॉम्बिफ्लेम से दर्द नहीं जीवन भी ख़त्म हो सकता है

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  कॉम्बिफ्लेम से दर्द नहीं जीवन भी ख़त्म हो सकता है  कॉम्बिफ्लेम, डी कोल्ड टोटल समेत 58 दवाएं सीडीएससीओ के टेस्ट में फेल, सेहत को पहुंचा सकती है नुकसान कॉम्बिफ्लेम यह अस्थाई दर्दों से राहत पाने के लिए प्रयोग की जाने वाली दवा है। यह दवा शरीर में दर्दों के लिए प्रभावी है जिसे लेने से आपको उसी समय दर्द से राहत मिल जाएगी। ज़्यादातर मैडीकल स्टोर वाले इस दवा का प्रयोग करने की ही सलाह देते हैं, लेकिन इस दवाई का लंबे समय तक प्रयोग करने से लीवर संबंधित समस्याएं जैसे दस्त, उल्टी हो सकती हैं। आईए जानते हैं कि इस दवाई के प्रयोग से और कौन कौन से साईड इफेक्ट हो सकते हैं।  कॉम्बिफ्लेम के नुक्सान - * कॉम्बिफ्लेम के प्रयोग के साथ एलर्जी, गला दर्द के लक्ष्ण शुरुआती प्रक्रिया हो सकती है। *मुंह में अलसर, चक्कर आना, पीठ के निचले हिस्से में दर्द वाले लोगों को इस का प्रयोग नहीं करनी चाहिए। *कॉम्बिफ्लेम का लगातार प्रयोग हर व्यक्ति के लिए घातक हो सकता है। यहां तक कि यह दवा मौत का कारण भी बना सकती है। *कॉम्बिफ्लेम के प्रयोग से लीवर को गंभीर नुक्सान हो सकता है। *आंखों में पीलापन भी इसके इस्तेमाल का नतीजा हो सकता

डेटॉक्स के लिए गुरु-चेला और अकेला को कैसे प्रयोग करें / How to use Guru Chela and Akela for Detox (with English Translation)

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  गुरु-चेला और अकेला की खुराक तैयार करने के लिए चरणबद्ध निर्देश:  चरण 1: सुई लगने के बाद आपके रक्त में हो रहे बदलावों को जानने  के लिए यह टेस्ट करवाएं 1. D-Dimer - यह टेस्ट  आपके शरीर में थक्को को पहचानने में सहायता करता है (सामान्य सीमा– 0 से 500ng/ml (0.00 - 0.5 ug/ml है) 2. Haematology: Hb, RDW, platelets, WBC, अन्य मानक पैरामीटर 3. लीवर फंक्शन टेस्ट (LFT) चरण 2: एक स्थायी ब्लैक मार्कर के साथ 1 लीटर प्लास्टिक/कांच की  प्लास्टिक कैप वाली बोतल की व्यवस्था  करें। इस मार्कर के साथ, खाली बोतल पर 8 बराबर भागों को चिन्हित करें जैसा की चित्र में दिखाया गया है चरण 3: गुरु चेला और अकेला की नई बोतलें खोलने की विधि: बोतल के ढक्कन को कसकर बंद करें और उसे खोलें। कैप में स्वयं छेद करने की व्यवस्था है जिस से उसकी सील टूट जाएगी। यदि सेल्फ पियर्सिंग नहीं होती है तो एक पिन का उपयोग करें और उसमें छेद करें।   चरण 4 : एक लीटर की बोतल का ढक्कन लें और उसे कपड़े से अच्छी तरह सुखा लें।    चरण 5 : गुरु की 8 बूँदें और चेला की 8 बूँदें इस ढक्कन मे डालें। तब तक प्रतीक्षा करें जब तक कि घोल का रंग लगभग 30