तिथि देवो भवः The Tale of Two Calendars
तिथि देवो भवः उद्देश्य : विदेशी कैलेंडर को अपने व्यक्तिगत जीवन से निकालकर भारतीय पंचांग के अनुसार अपने जीवन को बिताना और इस लेख को अपने जीवन में इस प्रण के साथ अपनाना की आज से अपने परिवार में कोई भी जन्मदिन आदि पर्व विदेशी कैलेंडर के अनुसार नहीं मानूँगा क्योंकि इसका वैज्ञानिक आधार है *************************************************** आजादी के बाद हमने परतंत्रता के बहुत से चिह्न हटाए, सड़कों के नामों का भारतीयकरण किया, पर संवत् और राष्ट्रीय कैलेंडर के विषय में हम सुविधावादी हो गए जहाँ एक और नेपाल जैसा देश का सरकारी कैलेंडर नेपाल संवत है वहां हमने कालगणना के लिए दुनिया के साथ चलने के नाम पर अपने राष्ट्रीय गौरव से समझौता कर लिया और सरकारी कामकाज के लिए अवैज्ञानिक ग्रेगरियन कैलेंडर को 1957 में सरकारी कैलेंडर की मान्यता दे दी यह एक शर्म की बात है राष्ट्रीय गौरव के लिए ************************************************** इस अभियान से जुड़े कुछ प्रश्न प्रश्न : तिथि देवो भवः अभियान क्यों आवश्यक लगा? बड़े दुःख के साथ यह बात मन में आई की जो व्यक्ति स्वदेशी के लिए भारतीयता के लिए अपना जी...