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Showing posts from June, 2021

तिथि देवो भवः The Tale of Two Calendars

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 तिथि देवो भवः  उद्देश्य : विदेशी कैलेंडर को अपने व्यक्तिगत जीवन से निकालकर भारतीय पंचांग के अनुसार अपने जीवन को बिताना और इस लेख को अपने जीवन में इस प्रण के साथ अपनाना की आज से अपने परिवार में कोई भी जन्मदिन आदि पर्व विदेशी कैलेंडर के अनुसार नहीं मानूँगा क्योंकि इसका वैज्ञानिक आधार है *************************************************** आजादी के बाद हमने परतंत्रता के बहुत से चिह्न हटाए, सड़कों के नामों का भारतीयकरण किया, पर संवत् और राष्ट्रीय कैलेंडर के विषय में हम सुविधावादी हो गए जहाँ एक और नेपाल जैसा देश का सरकारी कैलेंडर नेपाल संवत है वहां हमने कालगणना के लिए दुनिया के साथ चलने के नाम पर अपने राष्ट्रीय गौरव से समझौता कर लिया और सरकारी कामकाज के लिए अवैज्ञानिक ग्रेगरियन कैलेंडर को 1957 में सरकारी कैलेंडर की मान्यता दे दी यह एक शर्म की बात है राष्ट्रीय गौरव के लिए ************************************************** इस अभियान से जुड़े कुछ प्रश्न प्रश्न : तिथि देवो भवः अभियान क्यों आवश्यक लगा? बड़े दुःख के साथ यह बात मन में आई की जो व्यक्ति स्वदेशी के लिए भारतीयता के लिए अपना जीवन बलिदान

दान नहीं, दानी का हृदय देखिये - केन्या

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 केन्या के पास मेडिकल ऑक्सीजन नही थी, रेमेडेसिविर इंजेक्शन नही थे ... अनाज था ... उसने अनाज ही भेज दिया । वजह सिर्फ ये थे कि इस मुश्किल घड़ी में वो भारत के साथ खड़ा रहना चाहता था... ऑक्सीजन नही तो अनाज ही सही । कल को जब इतिहास लिखा जायेगा तो कोई ये तो नही कह सकेगा कि जब दुनिया में आपदा आयी थी तो केन्या ने कुछ नही किया था । ये कहानी है एक छोटे से, जनजातीय आदिवासियों से भरे देश केन्या की । वहीं एक कहानी और भी है ...कुछ पढ़े लिखे विभिन्न प्रकार के  लोगों की जो हमारे ही देश के है ...इन लोगो के पास ऑक्सीजन भी थी और इंजेक्शन भी लेकिन इन्होंने सब छुपा कर रखे ताकि इनकी कालाबाजारी कर सकें । आज यही लोग केन्या और भारत दोनों का मजाक बना रहे है ... प्रेमचंद एक कहानी में कहते है ... 'वेश्याओं को चरित्रवान स्त्री सुहाई है कभी ! 'केन्या द्वारा भेजे गए 12 टन अनाज पर बहुत से लोग मज़ाक उड़ा रहे है। सोशल मीडिया पर केन्या को "भिखारी, भिखमंगा, गरीब" आदि आदि कहा जा रहा है। अब एक छोटा सा वाक़या सुनिए।  आपने अमरीका का नाम सुना होगा, मैनहैटन का भी, वर्ल्ड ट्रेड सेंटर का भी और ओसामा बिन लादेन का भी।