बासौड़ा (शीतला अष्टमी) और विटामिन B12 का सम्बन्ध!
विटामिन B -12 का प्राकृतिक रूप से पाने का उपाय है शीतला अष्टमी जिसे बासोड़ा भी कहते है यह बासोड़ा त्यौहार होली के बाद आनी वाली अष्टमी या कई स्थानों पर होली दहन के अगले सोमवार को भी मनाया जाता है। परन्तु एक दिन आगे पीछे यदि हो भी जाएँ तो निश्चिंत रहे और आप अपनी परंपरा अनुसार मनाएं और यदि आज तक आपके घर में नहीं मनाई गई तो अष्टमी के दिन से मनाना शुरू कर दें। इसे अंधविश्वास आदि न मानकर इसका धार्मिक और आयुर्वेदिक महत्त्व समझकर मनाना शुरू करें क्योंकि इसका लाभ ही होगा नुक्सान कुछ नहीं। इस दिन एक रात पहले बिना लहसुन प्याज़ का भोजन जैसे गुड़ के चावल, दही, गुलगुले, हलवा, राबड़ी आदि बनाकर उन्हें सुबह बासी खाया जाता है कभी गुड़ के चावल कभी रात में मिस्सी रोटी को देसी गोमाता का घी लगाकर रख दें और सुबह मीठी दही से खाया जा सकता है। तो अगले लगभग दो सप्ताह तक बदल बदल कर कभी कभी ऐसा बासी भोजन करें। गुड़ और चावल यह दोनों जैविक हो तो और बेहतर जो गोधूली ( Gaudhuli.com ) के संस्थापक होने के कारण उपलब्ध रहते ही है। सूर्योदय से पहले शीतला माता के मंदिर में या मंदिर न हो तो चौराहे पर बासी चावल और गुलगुले...