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Showing posts from June, 2022

एक भाई की आपबीती - सभी माता-पिता ध्यान से पढ़े!

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 एक भाई की आपबीती - सभी माता-पिता ध्यान से पढ़े  ********** मेरे प्ले स्कूल के हानि बताने वाले विडियो में एक भाई की टिपण्णी आई जिसका स्क्रीनशॉट यहाँ दे रहा हूँ  विडियो : VLog 1 - प्ले स्कूल का खेल क्यों / Are Play Schools really required?  https://youtu.be/Rl_OpTyqP78 माता पिता इस जानकारी को अवश्य पढ़े  **************** "अपनी बच्चे को कम से कम 10 साल तक बिल्कुल भी किसी प्रकार का प्रेशर ना डाले... जैसा कि विरेन्द्र भाई बता रहे है कि उसके मित्र का बच्चा को ठीक से नींद नहीं आती थी और वो रात को हड़बड़ा कर  ऊठ जाता है। तो ये सब मेरे साथ हो चुका है।  मेरा नाम दीपक सोनी है। और मै छ ग से हू। और मेरे घर मे भी लड़ाई झगडे होते रहते थे और पढ़ाइ का प्रेशर एसा था कि पूछो ही मत... ( मेरे मां बाप ज्यादा पढे लिखे नहीं है लेकिन वो खूब मुझे पढाना चाहते थे और जो पढ़ा लिखा ना हो वो और नौकरी लगा ना हो वो व्यक्ति मानो  मरा हुआ है उनकी नजरो मे..) तो इतनी  प्रेशर और घर मै झगड़े के कारण मै भी रात रात भर छटपटाता था रात को नींद मे बड़-बड़ करता रहता था । ये घर वाले बतया करते थे । एसे ही बीस साल तक चला और मै शरी

2003 से संसद में सभी कोल्ड ड्रिंक्स ब्रांड की बिक्री पर रोक है भारत में क्यों नहीं?

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2003 से संसद में सभी कोल्ड ड्रिंक्स ब्रांड की बिक्री पर रोक है पूरे  भारत में क्यों नहीं? सरकारों का दोगलापन हमेशा से रहा है, सेवक बनकर दलाली ही की है अब अविवेकी और व्यवस्था के गुलाम लोग ऐसी दलील देंगे कि "कोल्ड ड्रिंक नहीं बेचेंगे तो देश का खर्चा कहाँ से चलाएगी बेचारी  सरकार?" हमारे एक साथी भाई अनूप पाण्डेय जी भारत सरकार से यह जानकारी ली तो चित्र में लिखे पत्र में जवाब मिला उसका हिंदी में अनुवाद इस प्रकार है . *********************************************************************** प्रश्न 1 सरकार द्वारा एक सांसद को कितनी प्रकार की सब्सिडी दी जाती है प्रश्न २ और भारत सरकार इन सब्सिडी पर कितना खर्च करती है उत्तर मिला : यह अस्पष्ट प्रश्न है और RTI एक्ट के अंतर्गत नहीं आता **************************************************************************** प्रश्न 3 क्या यह सत्य है की संसद की कैंटीन में कोक और पेप्सी पर रोक है अगर हां तो क्यों? उत्तर मिला: संसद परिसर में 6 अगस्त 2003 से सभी ब्रांड की कोल्ड ड्रिंक और सॉफ्ट ड्रिंक की पूर्ती और बिक्री पर रोक है, यह निर्णय संसद परिसर में भोज

महिलाओ की बराबरी पुरुषो से क्यों नहीं है आवश्यक?

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महिलाओ की बराबरी पुरुषो से क्यों नहीं है आवश्यक? चौंकिए मत!   मैंने यह प्रश्न बहुत सोच समझ कर और महिलाओ के हित में पुछा है Feminist अर्थात नारीवादी जो बात बात पर उछल पड़ते है उनको भी थोडा दिमाग लगाना होगा  पिछले 50 वर्षो से इस विचार की भूमिका तैयार की गयी और पिछले 25 वर्षो से मूरत रूप दिया गया  भजन, भोजन धन और नारी पर्दे में ही अधिक शोभा पाते है अब इसका अर्थ यह मत समझ लेना की उन्हें घूंघट में ही रहना चाहिए इसका वास्तविक अर्थ है कि इन तीनो का आदर-सम्मान और मर्यादा घर में रहने से ही बढती है।   ठीक वैसे ही जैसे हीरा तिजोरी में संभाल कर रखा जाता है जिस से उसका मूल्य कम न हो। लेकिन लोहे को बाहर हो पड़े रहने दिया जाता है क्योंकि उसके मूल्य में कोई अंतर नही पड़ता। बाकी आप स्वयं समझदार हो। भगवान द्वारा जब इस संसार में स्त्री पुरूष को भेजा जाता है तब उसके जीवन में चार महत्वपूर्ण कार्य होते है जिन्हे की परदे के अंदर अर्थात् पूर्ण सम्मान व आदर पूर्वक किया जाए तभी उसके सार्थक परिणाम प्राप्त होते है।  इन चार कार्यो में प्रथम कार्य भजन जिसे की गौमुख माला के अंदर किया जाए, द्वितीय भोजन जिसे की रसोईघर

आपका बच्चा सरकार के लिए एक प्रोडक्ट ही तो है?

 शब्दों का मायाजाल देखिए औरत एक बच्चे को जन्म देती है इस पूरी प्रक्रिया को delivery कहा जाता है? कैसी डिलीवरी? कोई उत्पाद है क्या जिसकी Delivery करवानी है । आपका बच्चा सरकार के लिए एक product ही तो है, जो product 3-4 साल के बाद Nursery में जायेगा । कैसी Nursery? जिसमें बच्चे की indoctrination की जायेगी,  बहुत सी बातें जो पहले किसी के द्वारा व्यक्तिगत अनुभव या एक दीर्घकालिक योजना के आधार पर लिखी गई,  ऐसी पुस्तकें रटाई जायेंगी, जो जितना ज्यादा रटेगा और स्कोर करेगा वो उतना ही बड़ा विद्वान माना जायेगा । हर तरह के उचित अनुचित आदेशों को स्वीकार करना सिखाया जायेगा, विरोध करने पर प्रताड़ित किया जायेगा यानि mind controlling process.... अपने दिमाग या क्षमता के आधार पर कुछ भी नया करना प्रतिबंधित है, उसके लिए लाइसेंस  (lie-sense) लेना पड़ेगा । ये है हमारी शिक्षा व्यवस्था।   It's all about Commerce, all for Commerce and all about enslavement... इसे नहीं समझोगे तो कुछ भी समझना समझाना व्यर्थ है । परम श्रद्धेय श्री राजीव दीक्षित जी ने आज से २० वर्ष पहले ये सब बताया है लेकिन हम आज भी रस्सी पीट‌ रहे

कर्म भोग : लोग क्यों नही मानते सही बात !

 🌸 कर्म भोग - 🌸 बहुत से भाई मुझे कॉल कर बताते है की हम लोगो को राजीव भाई के अनुसार जीवन में स्वस्थ रहने की प्रेरणा देते है तो वो सुनते नहीं है और कुतर्क करते है तो मैं उनको यही कहता हूँ की जब तक अपने कर्मो के पाप फल कोई पूरा नहीं भुगत लेगा तब तक इश्वर उसको सही बात को मानने की बुद्धि नहीं देगा  अतः आप प्रयास करते रहे जब उसके सद्कर्म उदय होंगे तो वो सब बात मानेगा इसी को विस्तार से यहाँ बताया गया है की क्यों बच्चो, पत्नी या माता पिता की बीमारी में हमारा धन नष्ट होता है या उनके द्वारा हमे दुःख मिलता है इसे ध्यान से पढ़े: ★  पूर्व जन्मों के कर्मों से ही हमें इस जन्म में माता-पिता, भाई-बहन, पति-पत्नि, प्रेमी-प्रेमिका, मित्र-शत्रु, सगे-सम्बन्धी इत्यादि संसार के जितने भी रिश्ते नाते हैं, सब मिलते हैं । क्योंकि इन सबको हमें या तो कुछ देना होता है या इनसे कुछ लेना होता है । ★    सन्तान के रुप में कौन आता है ? ★  वेसे ही सन्तान के रुप में हमारा कोई पूर्वजन्म का 'सम्बन्धी' ही आकर जन्म लेता है । जिसे शास्त्रों में चार प्रकार से बताया गया है -- ★  ऋणानुबन्ध  : पूर्व जन्म का कोई ऐसा जीव जिसस