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सोनपापड़ी के साथ हुआ षड्यंत्र!

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 जिसे हरा न सको उसे यशहीन कर दो,उसका उपहास करो,उसकी छवि मलिन कर दो। बस ऐसा ही कुछ हुआ है इस सुंदर मिठाई के संग में भी। आपने इधर सोनपापड़ी जोक्स और मीम्स भारी संख्या में देखे होंगे। निर्दोष भाव से उ न पर हँस भी दिए होंगे। पर अगली बार उस बाज़ार को समझिए जो मिठाई से लेकर दवाई तक और कपड़ों से लेकर संस्कृति तक में अपने नाखून गड़ाये बैठा है।         एक ऐसी मिठाई जिसे एक स्थानीय कारीगर न्यूनतम संसाधनों में बना बेच लेता हो। जिसमें सिंथेटिक मावे की मिलावट न हो। जो अपनी शानदार पैकेजिंग और लंबी शेल्फ लाइफ के चलते आवश्यकता से अधिक मात्रा में उपलब्ध होने पर बिना दूषित हुए किसी और को दी जा सके, खोये की मिठाई की तरह सड़कर कूड़ेदान में न जा गिरे। आश्चर्य, बिल्कुल एक सुंदर, भरोसेमंद मनुष्य की तरह जिस सहजता के लिए इसका सम्मान होना चाहिए, इसे हेय किया जा रहा है।        एक काम कीजिये डायबिटिक न हों तो घर में रखे सोनपापड़ी के डिब्बों में से एक को खोलिए। नायाब कारीगरी का नमूना गुदगुदी परतों वाला सोनपापड़ी का एक सुनहरा, सुगंधित टुकड़ा मुँह में रखिये...

लेख: भ्रष्टाचार की महामारी: झूठ बड़ा है तो सच होने का आभास दे रहा है लेकिन है झूठ ही!

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झूठ बड़ा है तो सच होने का आभास दे रहा है   परन्तु सत्य है नहीं  कोरोना के विषय पर सशक्त वीडियो (देखने के लिए क्लिक करें) इस वीडियो को इंटरनेट के हर मंच से हटा दिया गया है क्योंकि उनके अनुसार यह उस श्रेणी में आता है जिसमे बेशर्मी से सच को Conspiracy Theory कहकर दबा दिया जाता है या सच कहने वाले को झूठा साबित कर दिया जाता है।  इंटरनेट पर सब तरह की बकवास और गन्दगी के लिए स्थान है परन्तु इस जैसे वीडियो के लिए नहीं।   इस वीडियो और इन जैसे हज़ारो वीडियो को इंटरनेट से हटा दिया गया है।   वैसे तो यह पूरा वीडियो सच है परन्तु एक बार को मान भी लिया जाए की इस  वीडियो में 100% झूठ है यह भी बहुत बड़ा झूठ होगा।  यदि इस वीडियो में यदि  10% भी सच्चाई है तो यह भी कोई कम खतरनाक नहीं है।  हर सच को झूठ साबित करने वाली हज़ारो वेबसाइट बनाकर किसी विषय को गूगल सर्च करने पर केवल इन षडयंत्रकारियो के द्वारा निर्धारित और नियंत्रित जानकारी हम तक पहुंचे इसकी पूरी रणनीति बनाकर इन्होने हम पर हमला किया है।   जो कमियां पिछली बार के तथाकथित महामारी फ़ैल...

कहा था कि A2 शब्द के प्रयोग से बचो!

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  और बेचो a2 दूध ! अब भैंस का भी a2 प्रोटीन युक्त दूध आ गया 2015 में जो मैंने A2 दूध के नाम के षड्यंत्र की बात कही थी वह सत्य हो ही गयी! ****** गोमाता के दूध को A2 कहना भी एक षड्यंत्र है कल बहुत चिंतन के बाद और राजीव भाई के मार्गदर्शन के बाद यह तथ्य सामने आया है की भारतीय गाय के दूध को A2 दूध कहकर संबोधित करने का षड्यंत्र एक बहुत सोची समझी रणनीति के अंतर्गत हो रहा है कैसे ? A1 और A2 एक Gene है जिसमे A1 जीन विदेशी गाय और A2 जीन भारतीय गाय में पाया जाता है अब कल को इस जीन को Genetic Engineering के द्वारा विदेशी गाय में डाल कर उसके दूध को भी A2 घोषित कर किसी विदेशी लैब द्वारा प्रमाणित कर दिया जाये तो बहुराष्ट्रीय कंपनियों की तो चांदी हो जाएगी और फिर लोग कोका कोला और पेप्सी की कोल्ड ड्रिंक नहीं A2 दूध पीने के लिए लाइन लगाकर खड़े हो जायेंगे और यह पढ़े लिखे अशिक्षित लोग उसी का गुणगान करेंगे क्योंकि इन कंपनियों को यह नज़र आ गया है की ज़हरीले पेय पदार्थ अधिक वर्षो तक नहीं कल पाएंगे क्योंकि लोग जागरूक हो ही जायेंगे इनके विरुद्ध अतः सभी से निवेदन है की भारतीय गोमाता के दूध को "गोदुग्ध" कहक...

तंज़ानिया: बुलडोज़र कहे जाने वाले एक राष्ट्रपति का निधन, कोरोना को कहते थे षड्यंत्र

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  तंज़ानिया: बुलडोज़र कहे जाने वाले एक राष्ट्रपति की मौत, कोरोना को कहते थे दैत्य पपीता और बकरी के सैंपल कोरोना पॉजिटिव आने के बाद मागुफुली ने पिछले साल जून में ही तंज़ानिया को 'कोरोना-मुक्त' घोषित कर दिया था. तंज़ानिया के राष्ट्रपति के निधन पर श्रद्धांजलि इस बहादुर व्यक्ति ने कोरोना के विषय पर मोदी से लाख गुना अच्छा काम किया और अपने देश को फार्मा की गुलामी में नहीं फंसने दिया अब षड्यंत्र यह हुआ है कि इनकी मृत्यु को कोरोना मृत्यु घोषित करने की कोशिश शुरू हो गई है सरकारी टेलीविज़न पर एक संबोधन में हसन ने कहा कि 'बुधवार को हृदय संबंधी जटिलताओं से मागुफुली का निधन हो गया.' मागुफुली अफ़्रीका के उन प्रतिष्ठित लोगों में शामिल थे, जिन्होंने कोरोना वायरस के ख़तरे को हमेशा संशयपूर्ण ढंग से देखा. उन्होंने इस वायरस का मुक़ाबला करने के लिए लोगों से धार्मिक स्थलों में प्रार्थना करने को कहा. साथ ही भाप-चिकित्सा से इस संक्रमण को ठीक करने की बात कही. तब प्रधानमंत्री ने मागुफुली के स्वास्थ्य से जुड़ी अफ़वाहों को विदेश में रह रहे लोगों का 'द्वेषपूर्ण' प्रचार बताया था. मागुफुली का ...

क्या "संभ्रांत वायरस" है कोरोना ?

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    "संभ्रांत" वायरस! हर घटना के सकारत्मक पहलु होते है और कोरोना के भी है इस कारण से की इसके डर से कम से कम लोग कई गलत आदतों को सुधार बेहतर जीवनशैली अपना रहे है जैसे मॉल, रेस्टोरेंट, स्कूल आदि जैसे तामसिक प्रवृत्ति के स्थानों पर कम जा रहे है घर का बना भोजन कर रहे है। यह तो हुआ व्यंग्य अब गंभीर बात लक्षणों से लगता है "कोरोना" बेहद "संभ्रांत" वायरस है। बस-ट्रेन का सफर इसे पसंद नहीं, सिर्फ फ्लाइट से घूमता है। सुप्रीम कोर्ट-हाइकोर्ट से नीचे की अदालतों में नहीं जाता। कक्षाओं में जाता है पर परीक्षाओं से दूर रहता है। लग्जरी होटल-रेस्टोरेंट में जाता है, लोकल ढाबों पर नहीं। कॉन्फ्रेंस-विधानसभा वगैरह में जाता है, मेलों-सम्मेलनों और सरकारी कार्यालयों में नहीं। मिट्टी में खेलकर बिना हाथ धोने वाले पर ये ध्यान नहीं देता लेकिन दिन में 48 बार हाथ धोने वाले इससे ग्रसित हो जाते है! स्वभाव से तो ही विदेशी टाइप लगता है ये वायरस! यदि यह इतना गंभीर है तो दिल्ली की भीड़ भरी मेट्रो और मुंबई की लोकल ट्रैन में तो इसका सबसे ज़्यादा खतरा होना चाहिए लेकिन वो तो च...