तंज़ानिया: बुलडोज़र कहे जाने वाले एक राष्ट्रपति का निधन, कोरोना को कहते थे षड्यंत्र
तंज़ानिया: बुलडोज़र कहे जाने वाले एक राष्ट्रपति की मौत, कोरोना को कहते थे दैत्य
पपीता और बकरी के सैंपल कोरोना पॉजिटिव आने के बाद मागुफुली ने पिछले साल जून में ही तंज़ानिया को 'कोरोना-मुक्त' घोषित कर दिया था.
तंज़ानिया के राष्ट्रपति के निधन पर श्रद्धांजलि
इस बहादुर व्यक्ति ने कोरोना के विषय पर मोदी से लाख गुना अच्छा काम किया
और अपने देश को फार्मा की गुलामी में नहीं फंसने दिया
अब षड्यंत्र यह हुआ है कि इनकी मृत्यु को कोरोना मृत्यु घोषित करने की कोशिश शुरू हो गई है
सरकारी टेलीविज़न पर एक संबोधन में हसन ने कहा कि 'बुधवार को हृदय संबंधी जटिलताओं से मागुफुली का निधन हो गया.'
मागुफुली अफ़्रीका के उन प्रतिष्ठित लोगों में शामिल थे, जिन्होंने कोरोना वायरस के ख़तरे को हमेशा संशयपूर्ण ढंग से देखा. उन्होंने इस वायरस का मुक़ाबला करने के लिए लोगों से धार्मिक स्थलों में प्रार्थना करने को कहा. साथ ही भाप-चिकित्सा से इस संक्रमण को ठीक करने की बात कही.
तब प्रधानमंत्री ने मागुफुली के स्वास्थ्य से जुड़ी अफ़वाहों को विदेश में रह रहे लोगों का 'द्वेषपूर्ण' प्रचार बताया था.
मागुफुली का जन्म एक किसान परिवार में हुआ था. उन्होंने रसायन विज्ञान में पीएचडी की थी. वे राजनीति में आने से पहले रसायन विज्ञान और गणित के अध्यापक भी रहे थे.
उन्होंने इस संक्रमण को फैलने से रोकने के लिए मास्क की उपयोगिता पर सवाल उठाए. उन्होंने कोविड टेस्टिंग को लेकर शक़ ज़ाहिर किया. साथ ही मागुफुली ने उन पड़ोसी देशों का मज़ाक बनाया, जिन्होंने कोरोना के प्रसार को रोकने के लिए अपने यहाँ कोरोना से संबंधित प्रतिबंध लागू किए थे.
उनके नेतृत्व में, तंज़ानिया में ना के बराबर कोविड टेस्टिंग हुई और देश में टीकाकरण के लिए कोई कार्यक्रम नहीं बनाया गया.
जब कोविड-19 ने तंज़ानिया में दस्तक दी, तो उन्होंने लोगों के घरों में रहने (लॉकडाउन) को ज़रूरी नहीं समझा.
वे चाहते थे कि लोग घरों से निकलें प्रार्थना करें ताकि महामारी ना फैल सके. उन्होंने कोरोना वायरस को एक 'दैत्य' बताया.
उन्होंने एक 'हर्बल ड्रिंक' के ज़रिए कोरोना का इलाज करने का दावा किया.
उन्होंने लोगों से वादा किया कि वे इस 'हर्बल ड्रिंक' का आयात करने के लिए मेडागास्कर प्लेन भेजेंगे.
ये 'हर्बल ड्रिंक' आर्टमीज़िया नाम की एक वनस्पति से तैयार होती है. मलेरिया के इलाज में भी इस वनस्पति का इस्तेमाल होता है.
राष्ट्रपति जॉन मागुफुली इस 'हर्बल ड्रिंक' का प्रचार कोरोना वायरस की दवा के तौर पर करते रहे.
जबकि विश्व स्वास्थ्य संगठन के प्रमुख ने कहा था कि कोरोना वायरस के ख़िलाफ़ कोई असरदार दवा खोजने का कोई शॉर्टकट नहीं है, इसके इलाज के लिए अंतरराष्ट्रीय स्तर पर ट्रायल चल रहे हैं.
लेकिन कोरोना को लेकर अपने विवादित बयानों के बावजूद, मागुफुली तंज़ानिया के लोगों में एक लोकप्रिय नेता बने रहे
इनको देख पता चला की देश गरीब भी क्यों न हो
उसका मुखिया साहसी होना चाहिए
जो दुर्भाग्य से कोरोना के मामले में भारत को नहीं मिला
शत शत नमन
ईश्वर इनकी आत्मा को शान्ति दें
Excellent virender bhai; corona ke naam par bharat ko barbad kiya ja raha hai
ReplyDeletehttps://timesofindia.indiatimes.com/india/26-cases-of-blood-clotting-bleeding-due-to-astrazeneca-vaccine-in-india-govt/articleshow/82705296.cms
ReplyDelete