क्यो जुड़ना है गोधूली परिवार से? ताकि आने वाली पीढ़ियों को अपने अस्तित्व का शोक न हो!
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Showing posts from February, 2019
मोबाइल रेडिएशन के खतरे को प्रमाणित करता आँखे खोल देने वाला विडियो!
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अजीनोमोटो :सफ़ेद जहर!
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अजीनोमोटो :सफ़ेद जहर। Monosodium Glutamate (MSG) White Poison ************************ आप चाइनीज़ के नाम पर खा रहे है ज़हर अगर आप चाइनीज़ डिश के दीवाने हैं तो यह आपको उसमें जरूर मिल जाएगा क्योंकि यह एक मसाले के रूप में उनमें इस्तमाल किया जाता है। सफेद रंग का चमकीला सा दिखने वाला मोनोसोडि़यम ग्लूटामेट यानी अजीनोमोटो, एक सोडियम साल्ट है। शायद ही आपको पता हो कि यह खाने का स्वाद बढ़ाने वाला मसाला वास्तव में जहर यह धीमा खाने का स्वाद नहीं बढ़ाता बल्कि हमारी स्वाद ग्रन्थियों के कार्य को दबा देता है जिससे हमें खाने के बुरे स्वाद का पता नहीं लगता। मूलतः इस का प्रयोग खाद्य की घटिया गुणवत्ता को छिपाने के लिए किया जाता है। यह सेहत के लिए भी बहुत खतरनाक होता है। जान लें कि कैसे- * सिर दर्द, पसीना आना और चक्कर आने जैसी खतरनाक बीमारी आपको अजीनोमोटो से हो सकती है। अगर आप इसके आदि हो चुके हैं और खाने में इसको बहुत प्रयोग करते हैं तो यह आपके दिमाग को भी नुकसान कर सकता है। * इसको खाने से शरीर में पानी की कमी हो सकती है। चेहरे की सूजन और त्वचा में खिंचावमहसूस होना इसके कुछ साइड ...
विदेशी ज़हर का विकल्प भारतीय ज़हर न हो!
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मैं रामदेव जी के उत्पादों का न समर्थक हूँ न विरोधी *********************************** विदेशी ताक़ते बहुत खुश है की रामदेव जी अगले टाटा, और अम्बानी बनने जा रहे है ऐसा इसीलिए क्योंकि भले ही रामदेव जी के कारण उनकी कंपनियों का माल बिकना कम हो रहा है लेकिन भारतीयों को बीमार कर देश को कमज़ोर करने के जिस उद्देश्य से उनका माल वो बेच रहे थे वो उद्देश्य रामदेव जी जैसे कई लोग भी पूरा कर रहे है विदेशी दिनचर्या जिसमे डिब्बाबंद जूस, टमाटर की पुरानी चटनी अर्थात ketchup, नूडल्स, जीन्स, रिफाइंड तेल, आयोडीन नमक, केमिकल से भरे वाशिंग powder, साबुन आदि प्रयोग होते है उसी दिनचर्या का तो प्रचार हो रहा है और इसीलिए अन्तराष्ट्रीय माफिया भी पतंजलि को फलने फूलने दे रहा है अब राजीव दीक्षित जी के छोटे भाई प्रदीप दीक्षित जी ने भी यही राह अपनाते हुए रामदेव जी की तर्ज़ पर सभी उत्पाद बनाने शुरू कर दिए है जिसमे केमिकल वाले जूस आदि भी शामिल है। विदेशी कंपनियों के हर उत्पाद का विकल्प देने की जो रणनीति इन्होने अपना ली है उसपर मेरा यह मानना है की सही भी है और गलत भी सही है क्योंकी? जिन लोगो को Ketch...
क्या खाना है, मूँगफली या मूँगफला?
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क्या खाना है, मूँगफली या मूँगफला? प्रकृति की बनायीं मूंगफली या वैज्ञानिको का बनाया मूंगफला? सर्दियों में और विशेषकर लोहड़ी के समय मूंगफली खूब खायी जाती है और यह मेरी पसंदीदा खाद्य पदार्थो में से एक है लेकिन पिछले वर्ष से मैंने यह देखा की बाज़ार में एक बड़ी मूंगफली बिक रही है जिसमें बड़े बड़े दाने होते है और दुकानदार इसे मूंगफला कहते है दुकानदारों से पुछा की यह कब से बाज़ार में आनी शुरू हुई तो जवाब मिला 7-8 वर्षो से अर्थात कुछ गड़बड़ है क्योंकिपहले तो मुझे लगा की शायद यह प्राकृतिक है लेकिन मैं गलत था इस वर्ष समय मिला तो इस पर थोडा अध्ययन करने की सोची तो पता चला की मनुष्य प्रकृति को मुर्ख समझता है और स्वयं को बुद्धिमान लेकिन परिस्थिति इसके उलट है पता चला की 2007 में BARC (भाभा परमाणु अनुसन्धान केंद्र) के वैज्ञानिको द्वारा Genetic इंजीनियरिंग के द्वारा प्राकृतिक मूंगफली जिसका दाना छोटा होता है और जो हजारो सालो से खायी जा रही है उसका एक नया स्वरुप TG 37-A (मूंगफला) विकसित किया गया जिसका उद्देश्य केवल किसानो की पैदावार बढ़ाना था और उनको बड़ा दाना उगाने के प्रेरणा देन...
कोलगेट - न तब सच्चा, न अब सच्चा
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कोलगेट - न तब सच्चा, न अब सच्चा ***************************** मेरे अनुसार आज के समय में वास्तविक अंधकार दो प्रकार के है एक अज्ञानता का और एक मुर्खता का? जब तक हमे नहीं पता था की कोल्गेट जैसी कंपनी ने हम भारतवासियों को बेवकूफ बनाया है तक तक अज्ञानता के अन्धकार में हम इसे प्रयोग कर रहे है लेकिन इस पोस्ट के माध्यम से यदि हमें इसकी सच्चाई पता चली है और हम अभी भी इस जैसी कंपनियों का सामान प्रयोग करते है तो वो होगा मुर्खता का अंधकार ******************************************** Colgate 1985 - नमक और कोयले जैसे खुरदुरे पदार्थ आपके दांतों के इनेमल की परत को नुक्सान पंहुचा सकते है 2018 - Salt Fights Germs & New Colgate Total Charcoal Deep Clean अर्थात नमक कीटाणुओं से लड़ता है और कोयला गहरी सफाई करता है यह कंपनिया जो पहले हमारी विश्वास की जड़ो को विज्ञापनों से हिलाने का दम रखती है अब गद्दार सिबाका (Cibaca) कंपनी के साथ मिलकर "वेद शक्ति" नाम से उत्पाद निकल देती है मतलब की जिस भारत का इसने पहले यह विज्ञापन करके मज़ाक उड़ाया " शरीर के लिए इतना कुछ और दांतों के लिए...
विशेष अवसर : ब्रेड के साथ कैंसर मुफ्त
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विशेष अवसर : ब्रेड के साथ कैंसर मुफ्त **************************** ब्रेड खाने से हो सकता है कैंसर, टेस्ट में देश के सभी प्रमुख ब्रांड में मिले खतरनाक रासायन ********************************** विशेष टिपण्णी : यह खबर पढने से पहले आपको सूचित कर दूं की आज यह खबर हर अखबार में छपेगी और प्रमुखता से सभी बड़े ब्रांड्स का नाम उछलेगा जिसका अर्थ यह गलती से भी मत लेना की सरकार या मीडिया को चिंता है हमारे स्वस्थ्य की बल्कि जैसे मैगी पर प्रतिबंध हटाकर खाने के लिए इसे भी सुरक्षित घोषित कर दिया जायेगा और आप निश्चिंत होकर फिर से और भी अधिक ब्रेड खायेंगे जब तक की कोई और उसे गलत साबित न कर दे यही तो चक्रव्यूह है जिसे समझना है अब आते है विकल्प पर गुजरातियों द्वारा ब्रेड के बहुत ही अच्छे विकल्प विकसित किए गए हैं जिसमे एक मेरा व्यक्तिगत रूप से पसंदीदा है वह है ' खाकरा '। गोधूलि में हमने देसी गाय से घी से बने खाकरा का प्रबंध किया है जो बहुत ही स्वास्थ्यवर्धक है। यह दिखता तो पापड़ जैसा है परंतु स्वाद उस से अलग और बढ़िया है। महीनों तक खराब नही होता। अपने घर में महिला गृहउद्योग द्वारा निर...
नवरात्री स्पेशल पिज़्ज़ा!
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नवरात्री स्पेशल पिज़्ज़ा! जो आस्थाविहीन होता है उसे काबू करना आसान है मेरे घर के पास खुली इस दूकान के बाहर लगे इस चित्र ने सहसा मेरा ध्यान खींचा तो मैंने इसका फोटो खींचा ऐसी कई दुकाने देखता हूँ जहाँ ऐसे नाम मुझे दिखते है जैसे :जैन पिज़्ज़ा सेंटर, बिना लहसुन प्याज़ का बटर चिकन, बजरंगी वैष्णो ढाबा (अंडे और आमलेट वाला) हाईवे पर कभी मज़बूरी में खाना पड़े तो कई वैष्णो ढ़ाबो पर जाकर पहले ज़रूर पूछता हूँ की "अंडा मिलेगा क्या?" और यदि वो हाँ कहता है तो आगे खिसक लेता हूँ सोचने लगा की माँग और आपूर्ति का नियम यहाँ लागु हुआ है का जिसमे पहले मांग खड़ी हुई तो आपूर्ति हुई या पहले आपूर्ति हुई और फिर माँग खड़ी की गयी! इस दुकानदार का यह बैनर 365 दिनों में से केवल 18 दिन के लिए काम आयेगा लेकिन साल भर इसे यह नहीं हटाएगा क्योंकि बिना लहुसन प्याज़ के पिज़्ज़ा खाने वाले बहुत से ग्राहक मिल जायेंगे और इसकी बिक्री बढ़ जाएगी! धन्य है वो ग्राहक जो उपवास के अर्थ का अनर्थ करेंगे और सात्विकता को आंच न आये तो व्रत के दिन बिना लहसुन और प्याज़ का पिज़्ज़ा खायेंगे जिसमे Cheese, मैदा, मशरूम और न जाने क्या क...
मांसाहार: कुतर्क एवं भ्रम - (भाग 1)
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मांसाहार: कुतर्क एवं भ्रम - (भाग 1) *************************** भ्रांति मिटाने के नाम पर मांसाहार प्रचार का भ्रमजाल मांसाहार पर यह प्रत्युत्तर-खण्ड़न, धर्मिक दृष्टिकोण से नहीं, बल्कि अहिंसा और करूणा के दृष्टिकोण से प्रस्तुत किए जा रहे है। ************************************ कुतर्क 1) दुनिया में कोई भी मुख्य धर्म ऐसा नहीं हैं जिसमें सामान्य रूप से मांसाहार पर पाबन्दी लगाई हो या हराम (prohibited) करार दिया हो. खण्ड़न- इस तर्क से मांसाहार ग्रहणीय नहीं हो जाता। यदि यही कारण है तो ऐसा भी कोई प्रधान धर्म नहीं, जिस ने शाकाहार पर प्रतिबंध लगाया हो। प्रतिबंध तो मूढ़ बुद्धि के लिए होते है, विवेकवान के लिए संकेत ही पर्याप्त होते है। धर्म केवल हिंसा न करने का उपदेश करते है एवं हिंसा प्रेरक कृत्यों से दूर रहने की सलाह देते है। आगे मानव के विवेकाधीन है कि आहार व रोजमर्रा के वे कौन से कार्य है जिसमें हिंसा की सम्भावना है और उससे विरत रहकर हिंसा से बचा जा सकता है। सभी धर्मों में, प्रकट व अप्रकट रूप से सभी के प्रति अहिंसा के उद्देश्य से ही दया, करूणा, रहम आदि को उपदेशित कि...
प्रेम और अश्लीलता में अंतर!
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प्रेम और अश्लीलता में अंतर ! कुछ दिन पहले की बात है कि दिल्ली मेट्रो में मैं अपनी बेटी के साथ सफर कर रहा था। मेट्रो में बैठने का स्थान नही था। फिर भी बहुत कम लोग खड़े थर। लगभग 25 वर्ष के एक लड़का और लड़की जो शायद प्रेमी थे उन्होंने अपनी वासना को प्रेम समझकर अश्लीलता के साथ हमारे सामने प्रदर्शित करना शुरू कर दिया। और इस काम मे लड़के से ज़्यादा उद्दंडता लड़की कर रही यही। जिसमे लड़का थोड़ा जनता का लिहाज कर स्वयं को बचा रहा था। मैं सामने बैठा था और मेरी आँखों मे गुस्सा और नाराज़गी उसने पढ़ ली थी। लेकिन लड़की ने उसे कहा कि "क्यो डर रहे हो"? फिर न जाने किस डर से वह लड़का भी पूरी तरह उसका साथ देने लगा। बिना शर्म के लिपटना, चुम्बन सब शुरू हो गया। आसपास बच्चे, वृद्ध, महिलायें सभी आयु के लोग थे। खाली मेट्रो होने के कारण उनकी क्रिया कुछ के लिए मनोरंजन और अधिकांश के लिए शर्मिंदगी बन गयी। परंतु किसी भी व्यक्ति की उन्हें मना करने की हिम्मत न हुई। मेरी बेटी भी इस दृश्य को देख असमंजस में थी। उनकी हिम्मत बढ़ती गई तो मुझसे रहा नही गया। पिछले कुछ अनुभवों के कारण मुझे पता था कि मेरे खादी के...