विशेष अवसर : ब्रेड के साथ कैंसर मुफ्त

विशेष अवसर : ब्रेड के साथ कैंसर मुफ्त
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ब्रेड खाने से हो सकता है कैंसर, टेस्ट में देश के सभी प्रमुख ब्रांड में मिले खतरनाक रासायन
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विशेष टिपण्णी: यह खबर पढने से पहले आपको सूचित कर दूं की आज यह खबर हर अखबार में छपेगी और प्रमुखता से सभी बड़े ब्रांड्स का नाम उछलेगा

जिसका अर्थ यह गलती से भी मत लेना की सरकार या मीडिया को चिंता है हमारे स्वस्थ्य की बल्कि जैसे मैगी पर प्रतिबंध हटाकर खाने के लिए इसे भी सुरक्षित घोषित कर दिया जायेगा और आप निश्चिंत होकर फिर से और भी अधिक ब्रेड खायेंगे जब तक की कोई और उसे गलत साबित न कर दे

यही तो चक्रव्यूह है जिसे समझना है

अब आते है विकल्प पर

गुजरातियों द्वारा ब्रेड के बहुत ही अच्छे विकल्प विकसित किए गए हैं जिसमे एक मेरा व्यक्तिगत रूप से पसंदीदा है वह है 'खाकरा'। गोधूलि में हमने देसी गाय से घी से बने खाकरा का प्रबंध किया है जो बहुत ही स्वास्थ्यवर्धक है। यह दिखता तो पापड़ जैसा है परंतु स्वाद उस से अलग और बढ़िया है। महीनों तक खराब नही होता। अपने घर में महिला गृहउद्योग द्वारा निर्मित इस विकल्प को स्थान दे। 



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अब मुख्य समाचार
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जिन ब्रांड के ब्रेड के नमूनों की जांच की गई उनमें ब्रिटानिया, हार्वेस्ट गोल्ड और फास्ट फूड चेन जैसे केएफसी, पिज्जा हट, डोमिनोज, सब..वे, मैकडोनाल्ड और स्लाइस आफ इटली के नमूने शामिल हैं. ब्रिटानिया, केएफसी, डोमिनोज, मैकडोनाल्ड और सबवे ने इससे इनकार किया कि इन रसायनों का इस्तेमाल उनके उत्पादों में किया गया. बार बार प्रयासों के बावजूद अन्य ब्रांड ने कोई टिप्पणी नहीं की.

भारतीय बाजार में मिलने वाले ज्यादातर ब्रेड में पोटेशियम ब्रोमेट या आयोडेट जैसे रसायन मिले होते हैं, जो सेहत के लिए काफी खतरनाक हैं। यह जानकारी सेंटर फॉर साइंस एंड एनवॉरमेंट (सीएसई) द्वारा कराए गए एक से मिली।

ऐसे रसायन का होता है उपयोग, जो कई देशों में है बैन
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सीएसई के प्रदूषण निगरानी प्रयोगशाला द्वारा कराए गए अध्ययन की रिपोर्ट में कहा गया है कि देश में ब्रेड बनाने वाली कंपनियां आटे का प्रस्संकरण करने के लिए पोटेशियम ब्रोमेट और पोटेशियम आयोडेट का प्रयोग करती हैं। रिपोर्ट में कहा गया है, 'कई देशों में ब्रेड निर्माण उद्योग में इन रसायनों के उपयोग पर पाबंदी है, क्योंकि वे लोक स्वास्थ्य के लिए खतरनाक पदार्थों की सूची में आते हैं। इनमें से एक 2बी कार्सिनोजेन श्रेणी में आता है, जबकि दूसरे से थॉयराइड ग्रंथि में खराबी आती है। भारत में इन पर पाबंदी नहीं लगाई गई है।'

84 फीसदी नमूनों में खतरनाक रासायन
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सीएसई ने बाजार में आम तौर पर मिलने वाले 38 ब्रांड के ब्रेड, पाव और बन, रेडी-टू-ईट बर्गर ब्रेड और दिल्ली के लोकप्रिय फास्ट फूड आउटलेटों के रेडी-टू-ईट पिज्जा ब्रेड के नमूनों की जांच की। सीएसई के उप महानिदेशक चंद्र भूषण ने कहा, 'हमने 84 फीसदी नमूनों में पोटेशियम ब्रोमेट या आयोडेट पाए। कुछ नमूनों में हमने दूसरे प्रयोगशालाओं से भी इनकी मौजूदगी की पुष्टि की।'

इससे हो सकता है किडनी, थॉयराइड ग्रंथि और पेट में कैंसर
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1999 में इंटरनेशनल एजेंसी फॉर रिसर्च ऑन कैंसर (आईएआरसी) ने पोटेशियम ब्रोमेट को कैंसर पैदा करने वाला बताया। जांच से पता चला कि इससे किडनी, थॉयराइड ग्रंथि और पेट में कैंसर हो सकता है। यूरोपीय संघ ने 1990 में इन रसायनों पर प्रतिबंध लगा दिया है। ब्रिटेन, कनाडा, आस्ट्रेलिया, न्यूजीलैंड, चीन, श्रीलंका, ब्राजील, नाइजीरिया, पेरू और कोलंबिया ने भी पोटेशियम ब्रोमेट के उपयोग पर पाबंदी लगा दी है।
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-वीरेंद्र सिंह
सह- संस्थापक
गोधूलि परिवार

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 स्त्रोत:

http://m.prabhatkhabar.com/news/delhi/delhi-based-centre-for-science-and-environment-says-eating-breads-every-day-may-contain-cancer/803818.html

http://www.amarujala.com/india-news/bread-cause-cancer-study

http://timesofindia.indiatimes.com/city/delhi/Cancer-causing-chemicals-found-in-top-bread-brands-in-Delhi-health-ministry-orders-probe/articleshow/52403081.cms

http://zeenews.india.com/hindi/india/commercially-available-breads-contain-hazardous-chemicals-cse/291874

Comments

  1. यही पोटासियम iodate और bromate iodized नमक को फ्री फ्लो करने केलिए मिलाया जाता है ऐसा मैंने राजीव भाई के व्यख्यान में सुना है अर्थात इसने सारे फ़ास्ट फ़ूड ही नही बल्कि ननमक का ही प्रयोग काफी है कैंसर के लिए

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