बच्चो के लिए सही गुणवत्ता का वसा (Fat) क्यों आवश्यक है?
गंगातीरी गोमाता का शुद्धतम घी
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गंगातीरी गोमाता का शुद्धतम घी
आज गाय के घी के महत्व को जानकर बाजार में विभिन्न प्रकार की ब्रांड आ गयी है। परंतु चमक दमक के अतिरिक्त गुणवत्ता पर विशेष ध्यान देने की क्षमता कुछ ही लोगो मे है।
गोघृत एक ऐसा अमृत है जो बच्चे, युवा एवं वृद्ध तीनो के लिए उत्तम औषधि है।
इसी के अंतर्गत गोधूलि परिवार ने सदस्य परिवारों के आग्रह पर तीन प्रकार की गाय की नस्लो का शुद्ध गोघृत मथनी द्वारा बिलोकर तैयार करवाया है।
थारपारकर -
कांकरेज
गंगातीरी
थारपारकर और कांकरेज का घी अपनी मांग और अद्वितीय गुणवत्ता के अनुसार उत्पादन होते ही सदस्य परिवारों में बंट जाता है। अभी हाल में ही गोधूलि परिवार ने गंगा किनारे अद्भुत वनस्पतियों को चरने वाली सर्वश्रेष्ठ गाय की नस्ल गंगातीरी का घृत का वैदिक पद्धति से निर्माण आरम्भ किया है।
कुछ वर्षों पहले तक विलुप्ति की कगार पर खड़ी इस नस्ल का अब लोगो ने महत्व समझा है। इसके गुणों के कारण अंग्रेज़ो ने भी बनारस के निकट इसी गाय की गोशाला का निर्माण कर उसके दूध का प्रबंध स्वयं के लिए किया था।
*गंगातीरी का घृत क्यो?*
- बच्चो के लिए स्वस्थ जीवन सुनिश्चित कीजिये
बचपन मे शरीर को बढ़ने के लिए फैट (वसा) आवश्यक है और उसकी मांग शरीर कैसे पूरी करें यह माता-पिताओं को निर्धारित करना है। जैसे कोई प्यासा पानी की ओर लपकता है वैसे ही सही फैट जैसे गोघृत, देसी गाय का मक्खन आदि न मिले तो बच्चा बाजार के घटिया फैट (चिप्स, बिस्किट) की ओर जाता है क्योंकि शरीर अपनी फैट की प्यास को किसी न किसी तरह से बुझायेगा। यदि माता पिता उनको सही फैट से वंचित रखते है तो यह आगे चलकर उनके लिए अभिशाप साबित होता है।
- सर्दी ज़ुकाम, खांसी जैसी बीमारियों में यह घी गर्म कर छाती और पीठ पर मालिश करने से तुरंत लाभ मिलता है।
- सामान्य रूप से यदि कोई बीमारी नही है तो नाभि में भी प्रतिदिन यह घी डाल सकते है जिस से नाभि पुष्ट होकर डिगती नही है और नाभि डिगने के कारण होने वाले 40 पित्त के रोग नही होते।
*तो क्या करें?*
- हॉर्लिक्स, बॉर्नविटा, Health insurance, डॉक्टर, बीमारी, बाहर का खाना आदि पर जो खर्च करते है इतने महंगे imported ओलिव आयल को प्रयोग करते है जो हमारे किसी काम का नही।
- यह सब बंद कर बच्चो को गाय का घी (दूध में फेंटकर, सब्ज़ी में डालकर, घी शक्कर, हलवा, गुलगुले, पराँठा, पूरी आदि बनाकर) खिलाये और उन्हें एक स्वस्थ जीवन देने का आधार रखें।
- यदि संभव हो तो देसी गाय का दूध लेकर उसको बिलोकर मक्खन निकालकर (मलाई एकत्रित करने वाली पद्धति गलत है) उसका घी बनाया और प्रतिदिन खाये।
परंतु यदि यह संभव नही तो गोधूलि परिवार जैसे विश्वसनीय स्रोत द्वारा इसकी व्यवस्था करें। जिस से गोपालकों की जीविका चले औऱ गाय पुनः घरों में बंधे।
*गोधूलि से ही क्यो?*
गोधूलि परिवार में हम जब तक अपने बच्चो को निसंकोच होकर कोई उत्पाद खिलाने योग्य नही समझते तब तक किसी और को देने योग्य भी नही समझते।
अतः हम किसी भी स्थित में इसकी गुणवत्ता के साथ समझौता नही करते।
यह घृत पूर्णतः वैदिक पद्धति के अनुसार बन रहा है। गर्भवती महिलाएं सामान्य प्रसव के लिए, पित्त के रोगी, हृदयरोग कर लिए, बच्चो की मालिश, उनके मस्तिष्क और शरीर के विकास एवं संतुलित कफ वाले बच्चो के निर्माण में यह गंगातीरी का घृत वरदान है।
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या गोधूलि केंद्र पर स्वयं आकर अन्य विषमुक्त उत्पाद जैसे गुड़, खांड, पंचगव्य उत्पाद, मंजन, साबुन आदि भी लें सकते है
घी क्यों और कितना खाएं? - इस विषय पर संक्षिप्त परन्तु तृप्त करने योग्य जानकारी।
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*गोधूली परिवार केंद्र*
प्लॉट संख्या 14A, प्रथम तल,
हरी विहार, ककरोला,
सेक्टर 16, द्वारका
नई दिल्ली 110078
द्वारका मेट्रो स्टेशन से 300मीटर दूर
मेट्रो पिलर संख्या 815A के सामने
संपर्क 9873410520
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