वीडियो : "वो" मज़हब के पक्के है तो संगठित है और हम कच्चे तो बिखरे!
क्यों वो एक है ?
हम अनेक है पर एक नहीं
आस्थावान को कोई बहका नहीं सकता
आस्था-विहीन को कोई बचा नहीं सकता
अतः आस्था रखें अपनी संस्कृति के प्रति
भारतीयता के प्रति, अपनी जड़ो के प्रति
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