प्रधान सेवक का एक और आदेश!
प्रधान सेवक का एक और आदेश!
कोरोना से उपजे अन्धकार को दूर करने हेतु 5 अप्रैल 2020 रात्रि 9 बजे मोदी जी ने घर की लाइट बंद कर दीपक, मोमबत्ती, टोर्च या मोबाइल की फ़्लैश जलाने को कहा है!
इतना समझ आ गया है जनता कर्फ्यू की तरह थाली और थाली आदि बजाने की तरह वैसे तो यह आग्रह केवल यह देखने के लिए है की जो प्रधानमंत्री ने कहा उसका लोग कितना पालन करते है और इतने दिन के लॉकडाउन के बाद भी लोग कितने समर्थन में है और हो सकता है की यदि यह आदेश सफल रहा तो कोई तो सम्भावना है की शायद 15 दिन का लॉकडाउन और आगे न बढ़ा दें। परन्तु फिर भी दीपक हम जलाएंगे क्योंकि देश के साथ मिलकर कोई सही कार्य करने में कोई बुराई नहीं।
मैं यह भी समझता हूँ की यदि केवल दीपक जलाने को बोलते तो ईसाई और लिब्रान्डु बुरा मान जाते क्योंकि वो दीपक नहीं मोमबत्ती जलाते है। शांतिदूत तो और भी बुरा मान जाते क्योंकि वो न दीपक जलाते है न मोमबत्ती, क्योंकि वो तो देश जलाते है लेकिन उनको भी टोर्च और मोबाइल की लाइट का विकल्प देना पड़ा।
परन्तु मैं सबको बता दूँ की PM की मज़बूरी है कि उन्हें सबके अनुसार नपी तुली भाषा प्रयोग करनी पड़ती है परन्तु जिस उद्देश्य से यह प्रकाश करने का नया आदेश आया है उसका असली लाभ तो केवल शुद्ध देसी गाय के घी से जलाए दीपक से ही होगा। सच्चे सनातनी भारतीयों से अनुरोध है की मिटटी से बने दीपक में देसी गाय के शुद्ध घी एवं अपने हाथ से रुई से बानी बाती का ही प्रयोग करें। बाकि जो इंडियन है वो चर्बी वाली मोमबत्ती या मोबाइल टोर्च से ही काम चलो क्योंकि तुम्हारी बुद्धि के वश में इस से अधिक कुछ है नहीं।
क्योंकि अगर घर की लाइट बंद कर टोर्च और मोबाइल की लाइट ही जलानी है घर की लाइट बंद करने का कोई औचित्य नहीं।
जनता कर्फ्यू के दिन पटाखे बजाकर कई लोगो ने जो इंडियनपने का परिचय दिया था वैसी मूर्खता इस बार मत करना
#ISupportBRC
कीबोर्ड रुपी कलम से
भारतीयता का दीपक जलाता
-वीरेंद्र
VirenderSingh.in
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