खिचड़ी के है चार यार! दही पापड़ घी अचार
खिचड़ी की अनोखी कहानी!
खिचड़ी पूरे देश में किसी न किसी रूप में मिलती है। इसका नाम अलग हो सकता है मगर इसका स्वाद सबको भाता है। ऐसे में मन में एक सवाल उठता है कि आखिर खिचड़ी बनी कैसे?
ग्लोबल फूड एक्सपो द्वारा आयोजित वर्ल्ड फूड इंडिया 2017 में खिचड़ी को भारत की ओर से सुपर फूड का तमगा दिया गया था। खिचड़ी देश के कोने कोने में मौजूद है। मकर सक्रांति को कई जगह खिचड़ी पर्व भी कहा जाता है। इस दिन भगवान को खिचड़ी चढ़ाई जाती है और प्रसाद बांटा जाता है और तिल, गुड़, खिचड़ी, पतंग उड़ाने और दान करने जैसी कई प्रथाएं निभाई जाती हैं।
खिच्चा से बनी खिचड़ी!
खिचड़ी शब्द संस्कृत खिच्चा से बना है। लोक मान्यता के अनुसार मकर सक्रांति के दिन खिचड़ी बनाने की परंपरा भगवान शिव ने शुरू की थी। इतिहास के पन्नों में खिचड़ी करीब 2500 साल पुरानी है। 1350 में भारत आए मोरक्को के सैलानी इब्न बतूता ने भी चावल मूंग दाल से बनी भारत की खिचड़ी का उल्लेख किया था। सोलवीं सदी में मुगल बादशाह जहांगीर ने गुजरात में कुछ ग्रामीणों को खिचड़ी खाते देखा। जब बादशाह ने खिचड़ी खाई तो है, उसके मुरीद हो गए।
खिचड़ी के फायदे अपार!
छोटे बच्चों को शादी खिचड़ी बारीक करके खिलाई जाती है। चावल, मूंग दाल, बाजरा, अरहर दाल, साबुत अनाज और कई सब्जियों को मिलाकर खिचड़ी में पौष्टिकता लाई जाती है। शुद्ध देसी गाय के घी की चिकनाई शरीर को ताकत देती है। इसमें कार्बोहाइड्रेट, विटामिन, मिनरल्स और फाइबर होते हैं। खिचड़ी वात पित्त और कफ से को संतुलित करती है इसके अलावा ऋतू अनुसार काली मिर्च की सही मात्रा और भरपूर घी के साथ खाने से शरीर को डेटॉक्स भी करती है। क्योंकि घी और काली मिर्च कई प्रकार के विष को बेअसर करने की अद्भुत दवा है जो खिचड़ी के साथ मिलकर और भी प्रभावी हो जाती है। यह आसानी से पच जाती है। गर्भवती महिलाओं के लिए यह बहुत फायदेमंद है। साथ ही त्वचा को निखारने में भी अव्वल है। कई जगह यह भुना, जीरा, पतला, कटा, प्याज, हरा धनिया, चटनी, आलू या बैंगन भरता और सलाद के साथ परोसी जाती है।
हर शहर में बदलता स्वाद
हरियाणा में खिचड़ी बाजरे और मूंग दाल से बनाई जाती है। स्वाद के लिए ज्वार का उपयोग किया जाता है।
पंजाब में अरहर दाल और चावल से बनी खिचड़ी घी, दही, पापड़ और अचार के साथ खाई जाती है।
बंगाल की खिजुरी यानी खिचड़ी को को मूंग दाल, चावल, फूल गोभी, टमाटर, आलू और मटर डालकर पौष्टिक बनाया जाता है।
बिहारी खिचड़ी गरम मसालों से भरपूर होती है।
उड़ीसा की खिचड़ी जिसे आदहेगु कहते है को हींग और अदरक से बघारकर भगवान जगन्नाथ को भोग लगाया जाता है। फिर सब को खिलाई जाती है।
कर्नाटक की खिचड़ी यानी बिसेबेले में तड़के के रूप में काली मिर्च, जीरा और काजू का इस्तेमाल होता है।
केरल में मंधन और आंध्र प्रदेश में पुलगम नामक खिचड़ी बेंगलुरु के इस्कॉन मंदिर में प्रसाद के तौर पर भाटी जाती है।
गुजरात की खिचड़ी कढ़ी और उन्हीं के साथ सर्व की जाती है। मध्य प्रदेश और छत्तीसगढ़ में मूंग, अरहर चना और मसूर और चावल की खिचड़ी बनाई जाती है।
हिमाचल के तत्तापानी में एक ही बर्तन में 1995 किलो खिचड़ी बनाने का विश्व रिकॉर्ड गिनीज बुक में दर्ज है।
256 लोगो की मदद से इतनी बड़ी मात्रा में खिचड़ी बनाने का लक्ष्य पूरा हुआ। इस स्वादिष्ट खिचड़ी में 405 किलो बासमती चावल, 105 किलो दाल, 90 किलो शुद्ध घी 55 किलो मसाले और 1100 लीटर पानी में बनी स्वादिष्ट खिचड़ी का आनंद 20 हज़ार लोगों ने लिया ।
खिचड़ी के है चार यार!
दही पापड़ घी अचार
सामान्यतः इन चारो के साथ खाने से खिचड़ी का स्वाद अलौकिक भी हो जाता है
आप भी अवश्य खाएं
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