नहीं चाहिए ऐसा समाज जहाँ फैक्ट्री में पैदा होंगे बच्चे!

 


    





फैक्ट्री में पैदा होंगे बच्चे

यह दावा कोई खोखला नही है ऐसा दावा करने वाली दुनिया में बहुत सारी कंपनियां होंगी जो नकली बच्चे पैदा करेंगे और उससे धन कमाएंगी क्योंकि ऐसा काम सेवा के लिए तो नहीं होने वाला।


परंतु बड़ी बात यह है कि भारत में गर्भ संस्कार की परंपरा उसका क्या होगा क्योंकि गोद भराई गर्भ संस्कार आदि जो परंपराएं हैं उन परंपराओं को यह पूरी तरह खत्म कर देंगे क्योंकि भारत जैसा देश ऐसी तकनीक का बहुत बड़ा बाजार बनेगा। आईवीएफ की तरह लोगों को अपने गोद में केवल जीवित दिखने वाला बच्चा चाहिए जो की फैक्ट्री में पैदा हुआ हो।

मोबाइल फोन के मॉडल की तरह उनमें जेनेटिक बदलाव बालो का रंग, आंखो का रंग, कद आदि चुन सकेंगे

सुनने में तो यह अद्भुत लग रहा है लेकिन जेनेटिक बदलाव से खेलने की यह हरकत आने वाली वह भयानक सच्चाई है जिसे सरकारी संरक्षण मिलेगा।

समाज में ऐसे बच्चो को पहचानने के लिए नियम बनाने पड़ेंगे जिससे फैक्ट्री और प्राकृतिक रूप से पैदा हुए बच्चो की पहचान हो सके। क्योंकि ऐसे बच्चो का गोत्र आदि तो कुछ निर्धारित होगा नही। जेनेटिक बदलाव के कारण और कृत्रिम गर्भ में पलने के कारण उसमे संस्कार रोपित तो होंगे नही। और गोत्र व्यवस्था को नष्ट करना ऐसी बर्बादी है जिसकी भरपाई कभी हो नही पाएगी।

यह खबर छापने वाला अखबार इसको गौरवांवित होकर छाप रहा है इसका उद्देश्य यही है कि जब ऐसे ही टेक्नोलॉजी आए तो लोग लाइन लगाकर और उस काम को करने में लग जाए।

आखिरकार देश में जैसे विकास की लहरें सभी सरकारें चला रही है तो यह दिन भी दूर नहीं की ऐसा सच हो जायेगा 

महिलाएं भी अपने फिगर को बचाने के लिए प्रसव की पीड़ा से बचने के लिए और कई प्रकार की सुविधाओं को ध्यान में रखकर ऐसे ही बच्चों को जन्म देना पसंद करेंगे जोकि दुर्भाग्यपूर्ण रहेगा।

Comments

  1. हमलोग को कतई बर्दाश्त नहीं करना है ये ये सब नहीं होना चहिए गुरुजी

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  2. बच्चेदानी का आपरेशन खूब बढ़ गया है

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