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Showing posts from October, 2025

जानिये असल में किस धन की है धनतेरस?

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जानिये किस धन की है धनतेरस ? क्यों बिना विवेक कुछ भी ख़रीद लेने का दिन नहीं है धनतेरस! और यह धन से सम्बंधित नहीं है ************************************* स्वदेशी एवं स्वास्थ्य के सन्दर्भ में धनतेरस का महत्व कुंठित एवं विकृत उपभोक्तावाद से प्रेरित बाजारीकरण के कारण धनतेरस को लेकर कुछ भ्रांतियों को दूर करने का प्रयास एक प्रश्नावली के द्वारा : प्रश्न: धनतेरस में "धन" शब्द का क्या अर्थ है? उत्तर: यह बहुत कम लोग जानते है की वास्तव में धनतेरस में "धन" शब्द स्वास्थ्य के देवता धनवंतरी से लिया गया है कार्तिक कृष्ण पक्ष की त्रयोदशी तिथि के दिन ही धन्वन्तरि का जन्म हुआ था इसलिए इस तिथि को धनतेरस के नाम से जाना जाता है। प्रश्न: अगर धन नहीं तो फिर धनतेरस का क्या महत्त्व है? उत्तर: देवी लक्ष्मी हालांकि की धन देवी हैं परन्तु उनकी कृपा प्राप्त करने के लिए आपको स्वस्थ्य और लम्बी आयु भी चाहिए यही कारण है दीपावली दो दिन पहले से ही यानी धनतेरस से ही दीपामालाएं सजने लगती हें। प्रश्न: आज के दिन कुछ नया खरीदने की परंपरा क्यों है? उत्तर: समुद्र मंथन के...

कैसे बनाएं शरद पूर्णिमा की विशेष आयुर्वेदिक खीर?

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शरद पूर्णिमा 6 अक्तूबर 2025 अश्विन मास के शुक्‍ल पक्ष की पूर्णिमा को शरद पूर्णिमा कहा जाता है । वर्ष की सभी पूर्णिमा में आश्विन पूर्णिमा विशेष चमत्कारी मानी गई है। शरद पूर्णिमा के दिन नदी में स्नान करने का विशेष महत्व है। इस दिन ज्योतिर्लिंग और शक्तिपीठ का दर्शन करना भी बहुत महत्वपूर्ण माना गया है। शरद पूर्णिमा की रात में चांद धरती के सबसे करीब होता है। अंतरिक्ष के समस्त ग्रहों से निकलने वाली सकारात्मक ऊर्जा चंद्रकिरणों के माध्यम से पृथ्वी पर पड़ती हैं। मान्यता है कि शरद पूर्णिमा को चांद 16 कलाओं से संपन्न होकर अमृत वर्षा करता है। यह स्वास्थ्य के लिए अक्षय फलदायी होता है। शास्त्रों के अनुसार इस तिथि पर चंद्रमा से निकलने वाली किरणों में सभी प्रकार के रोगों को हरने की क्षमता होती है। इस दिन चंद्रमा का दर्शन करना और उसकी अराधना करना काफी शुभ फल दायक माना जाता है। लक्ष्मी पूजन और रात्रि जागरण से व्रती को धन और समृद्धि की प्राप्ति होती है। आँखों के लिए टॉनिक: त्रिफला, शहद और देसी गाय के शुद्ध घी का 02:02:01 के अनुपात में मिश्रण तैयार करके उसे शरद पूनम की पूरी रात को चांदनी में रखो...