बच्चो के लिए सही गुणवत्ता का वसा (Fat) क्यों आवश्यक है?
बच्चो के लिए सही गुणवत्ता का वसा (Fat) क्यों आवश्यक है?
आज गाय के घी के महत्व को जानकर बाजार में विभिन्न प्रकार की ब्रांड आ गयी है। परंतु चमक दमक के अतिरिक्त गुणवत्ता पर विशेष ध्यान देने की क्षमता कुछ ही लोगो मे है।
गोघृत एक ऐसा अमृत है जो बच्चे, युवा एवं वृद्ध तीनो के लिए उत्तम औषधि है।
इसी के अंतर्गत वीरेन्द्र गौधूली के सदस्य परिवारों के आग्रह पर तीन प्रकार की गाय की नस्लो का शुद्ध गोघृत मथनी द्वारा बिलोकर तैयार करवाया है।
गोघृत एक ऐसा अमृत है जो बच्चे, युवा एवं वृद्ध तीनो के लिए उत्तम औषधि है।
इसी के अंतर्गत वीरेन्द्र गौधूली के सदस्य परिवारों के आग्रह पर तीन प्रकार की गाय की नस्लो का शुद्ध गोघृत मथनी द्वारा बिलोकर तैयार करवाया है।
वीरेन्द्र गौधूली द्वारा 4 प्रकार की देसी भारतीय नस्ल की गोमाताओ का शुद्ध वैदिक विधि से निर्मित गौघृत उपलब्ध है
1. गंगातीरी गौमाता
2. कांकरेज गौमाता
3. नागौरी गौमाता
4. बद्री गौमाता
यह सभी गोघृत जो प्रति माह सीमित मात्रा में बन रहे है वह अपनी मांग और अद्वितीय गुणवत्ता एवं स्वाद के कारण उत्पादन होते ही सदस्य परिवारों में बंट जाता है।
भाई राजीव दीक्षित जी द्वारा गोमाता के महत्त्व को जिस प्रकार से प्रचारित किया गया उस कारण अब लोगो ने इसके महत्व समझा है।
बच्चो के लिए स्वस्थ जीवन सुनिश्चित कीजिये:
बचपन मे शरीर को बढ़ने के लिए फैट (वसा) आवश्यक है और उसकी मांग शरीर कैसे पूरी करें यह माता-पिताओं को निर्धारित करना है। जैसे कोई प्यासा पानी की ओर लपकता है वैसे ही सही फैट जैसे गोघृत, देसी गाय का मक्खन आदि न मिले तो बच्चा बाजार के घटिया फैट (चिप्स, बिस्किट) की ओर जाता है क्योंकि शरीर अपनी फैट की प्यास को किसी न किसी तरह से बुझायेगा। यदि माता पिता उनको सही फैट से वंचित रखते है तो यह आगे चलकर उनके लिए अभिशाप साबित होता है।
- सर्दी ज़ुकाम, खांसी जैसी बीमारियों में यह घी गर्म कर छाती और पीठ पर मालिश करने से तुरंत लाभ मिलता है।
- सामान्य रूप से यदि कोई बीमारी नही है तो नाभि में भी प्रतिदिन यह घी डाल सकते है जिस से नाभि पुष्ट होकर डिगती नही है और नाभि डिगने के कारण होने वाले 40 पित्त के रोग नही होते।
*तो क्या करें?*
- हॉर्लिक्स, बॉर्नविटा, Health insurance, डॉक्टर, बीमारी, बाहर का खाना आदि पर जो खर्च करते है इतने महंगे imported ओलिव आयल को प्रयोग करते है जो हमारे किसी काम का नही।
- यह सब बंद कर बच्चो को गाय का घी (दूध में फेंटकर, सब्ज़ी में डालकर, घी शक्कर, हलवा, गुलगुले, पराँठा, पूरी आदि बनाकर) खिलाये और उन्हें एक स्वस्थ जीवन देने का आधार रखें।
- यदि संभव हो तो देसी गाय का दूध लेकर उसको बिलोकर मक्खन निकालकर (मलाई एकत्रित करने वाली पद्धति गलत है) उसका घी बनाया और प्रतिदिन खाये।
*तो क्या करें?*
- हॉर्लिक्स, बॉर्नविटा, Health insurance, डॉक्टर, बीमारी, बाहर का खाना आदि पर जो खर्च करते है इतने महंगे imported ओलिव आयल को प्रयोग करते है जो हमारे किसी काम का नही।
- यह सब बंद कर बच्चो को गाय का घी (दूध में फेंटकर, सब्ज़ी में डालकर, घी शक्कर, हलवा, गुलगुले, पराँठा, पूरी आदि बनाकर) खिलाये और उन्हें एक स्वस्थ जीवन देने का आधार रखें।
- यदि संभव हो तो देसी गाय का दूध लेकर उसको बिलोकर मक्खन निकालकर (मलाई एकत्रित करने वाली पद्धति गलत है) उसका घी बनाया और प्रतिदिन खाये।
- यदि देसी गोमाता का दूध नहीं मिलता है तो उसके स्थान पर दूध के बराबर मूल्य का शुद्ध
परंतु यदि यह संभव नही तो वीरेन्द्र गौधूली जैसे विश्वसनीय स्रोत द्वारा इसकी व्यवस्था करें। जिस से गोपालकों की जीविका चले औऱ गाय पुनः घरों में बंधे।
*वीरेन्द्र गौधूली से ही क्यो?*
वीरेन्द्र गौधूली में हम जब तक अपने बच्चो को निसंकोच होकर कोई उत्पाद खिलाने योग्य नही समझते तब तक किसी और को देने योग्य भी नही समझते।
अतः हम किसी भी स्थित में इसकी गुणवत्ता के साथ समझौता नही करते।
यह घृत पूर्णतः वैदिक पद्धति के अनुसार बन रहा है। गर्भवती महिलाएं सामान्य प्रसव के लिए, पित्त के रोगी, हृदयरोग कर लिए, बच्चो की मालिश, उनके मस्तिष्क और शरीर के विकास एवं संतुलित कफ वाले बच्चो के निर्माण में यह का घृत वरदान है।
गोमाता के दूध को A2 कहना भी एक षड्यंत्र है
A2 नहीं देसी गोमाता का घृत बोलिए
बहुत चिंतन के बाद और राजीव भाई के मार्गदर्शन के बाद यह तथ्य सामने आया है की भारतीय गाय के दूध को A2 दूध कहकर संबोधित करने का षड्यंत्र एक बहुत सोची समझी रणनीति के अंतर्गत हो रहा है
कैसे ?
A1 और A2 एक Gene है जिसमे A1 जीन विदेशी गाय और A2 जीन भारतीय गाय में पाया जाता है
अब कल को इस जीन को किस वैज्ञानिक प्रक्रिया द्वारा भैंस या विदेशी नस्ल की cow में डाल कर उसके दूध को भी A2 घोषित कर किसी लैब द्वारा प्रमाणित कर उसे एक परचा दिया जाये तो बहुराष्ट्रीय कंपनियों की तो चांदी हो जाएगी और फिर लोग कोका कोला और पेप्सी की कोल्ड ड्रिंक नहीं A2 दूध पीने के लिए लाइन लगाकर खड़े हो जायेंगे
जैसे कि आज हरी और लाल बिंदी के मार्का को देखकर हम बिना सोचे किसी भी खाद्य पदार्थ को शाकाहारी मान कर खा लेते है चाहे वह सैद्धांतिक रूप से शाकाहारी की श्रेणी में न आता हो।
ठीक वही अंधविश्वास आगे चलकर A2 मार्का का हो जायेगा।
और यह पढ़े लिखे अशिक्षित लोग उसी का गुणगान करेंगे
क्योंकि इन कंपनियों को यह नज़र आ गया है की ज़हरीले पेय पदार्थ अधिक वर्षो तक नहीं चल पाएंगे क्योंकि लोग जागरूक हो ही जायेंगे इनके विरुद्ध
अतः सभी से निवेदन है की भारतीय गोमाता के दूध और घी को "गोदुग्ध" या "गोघृत" कहकर संबोधित करेंगे A2 नहीं
औऱ सभी गाय का दूध और घी का काम करने वालों अपने पैकेजिंग से A2 नाम हटाओ आज ही!
इसी कारण से हम अपने किसी भी गोघृत में A2 शब्द का प्रयोग नहीं करते
आज ही आर्डर करें Gaudhuli.com से
या गौधूली केंद्र पर स्वयं आकर अन्य विषमुक्त 300 से भी अधिक शुद्ध उत्पाद जैसे गुड़, खांड, पंचगव्य उत्पाद, मंजन, साबुन आदि भी लें सकते है
घी क्यों और कितना खाएं? - इस विषय पर संक्षिप्त परन्तु तृप्त करने योग्य जानकारी।
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वीरेंद्र गौधूली केंद्र
घी क्यों और कितना खाएं? - इस विषय पर संक्षिप्त परन्तु तृप्त करने योग्य जानकारी।
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वीरेंद्र गौधूली केंद्र
F - 1/30, चौथा तल,
डी के रोड़, मोहन गार्डन
उत्तम नगर
नई दिल्ली - 110059
9873410520
9212435203
निकट:
- NUF सलून
- मेट्रो पिलर संख्या 752 से 600 मीटर अंदर
- नवादा और द्वारका मोड़ मेट्रो स्टेशन से 1 किलोमीटर दूर
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